Tuesday, May 12, 2020

Shayari

तुझसे मुखातिब नहीं ख्याल मेरा
सोचती हूं कोई ओर ख्वाब कर लूं
कब कब कितना रूलाया तूने
        ठहर थोङा हिसाब कर लूं।✍️seema choudhary

1 comment: