Saturday, May 9, 2020

माँ (mothers day special)

प्रेम ही प्रारंभ, आपके प्रेम का   
                     कोई छोर नहीं
माँ  आप जैसा जहां मे
                     कोई ओर नहीं
प्रेममयी ममता की मूर्त
देखूँ हर पल तेरी सूरत
नमन करते तुझको पर्वत
तेरे आगे झुकती कुदरत
  तेरी चांदनी देख छुप जाये चंद्रमा
  तेरी रोशनी से चमके
                    सूरज का आसमां
तेरे प्रेम की बदली बरखे
देख - देख बादल भी तरसे
तेरे त्याग को अम्बर परखे
धरा मिलन को पल - पल तरसे
       तेरे पावन चरणों में माता
       शिश नवाता भाग्य विधाता
          तेरी गोद से इंसान आता
        तेरे दम पर चक्रव्यूह चलाता
दयामयी देवी की प्रतिमा
जान ना पाये तेरी महिमा
      ममतामयी प्यारी मां
कैसे करें हम तेरी उपमा
     कैसे लिखे लफ़्ज़ों में तुझे
           कागद छोटा पङ जाये
कहां भरे तेरे स्नेह के मोती
                 समंदर मे ना समाये
माँ तेरे आंचल के आगे,
            अंबर भी शरमा जाये
माँ  के बलिदान की गाथा
            स्वयं प्रकृति भी गाऐ
मिश्री से मीठा घोल है
            और नहीं कोई बोल है
माँ का क्या मोल है
             मां तो अनमोल है।
 मौत से शुरू जो
    जीवन की सीमा पर खत्म नहीं
माँ आप जैसा
              जहां मे कोई ओर नहीं।. 
        ✍️Seema choudhary

1 comment:

  1. “बड़ी इबादत से पूछा था मैंने खुदा से स्वर्ग का पता, तो अपनी गोद से उतारकर खुदा ने माँ की बाहों में सुला दिया।”
    “मेरी दुनिया में इतनी जो शौहरत है सब मेरी माँ की बदौलत है।
    🙏

    ReplyDelete