फलसफे ये जिन्दगी के
ऎसे हैं हुजूर
कभी कहीं इनसे रूबरू
होते हैं जरूर
सुख में साथ,बुरे वक्त में
हो जाते हैं दूर
हमने ये कैसा
बना लिया दस्तूर
समय, काल, स्थिति, परिस्थिति
अक्षरश अवगत करा देती है हस्ती
फिर कैसा भ्रम,
कैसा अभिमान
हमारे ही हाथ नहीं
हमारी कमान
अंततोगत्वा कोरोना एकसंदेश है
हम सभी का एक ही भेष है
आओ
फिर से आत्मसात करें
एक नये युग की शुरुआत करें
हर जरूरतमंद का सहयोग करे
इसांनियत का भरपूर उपयोग करें ✍️Seema choudhary
ऎसे हैं हुजूर
कभी कहीं इनसे रूबरू
होते हैं जरूर
सुख में साथ,बुरे वक्त में
हो जाते हैं दूर
हमने ये कैसा
बना लिया दस्तूर
समय, काल, स्थिति, परिस्थिति
अक्षरश अवगत करा देती है हस्ती
फिर कैसा भ्रम,
कैसा अभिमान
हमारे ही हाथ नहीं
हमारी कमान
अंततोगत्वा कोरोना एकसंदेश है
हम सभी का एक ही भेष है
आओ
फिर से आत्मसात करें
एक नये युग की शुरुआत करें
हर जरूरतमंद का सहयोग करे
इसांनियत का भरपूर उपयोग करें ✍️Seema choudhary
Very nice Madan
ReplyDelete